स्नानादि से निवृत्त होकर अपने इष्टदेव का ध्यान करें तथा निम्न मन्त्र कायथासंभव या १०८ बार जप करें- “ॐ नमो भगवति देवी कूष्माण्डिनिसर्वकार्यप्रसाधिनि सर्वनिमित्तप्रकाशिनि एहि एहि त्वर त्वर वरं देहि लिहि मातंगिनि लिहि सत्यं ब्रूहि ब्रूहि स्वाहा।।” मन्त्र जप के पश्चात अपने अभीष्ट प्रश्न का विचार करें तथा १६ कोष्ठकों वाले यंत्र के किसी एक कोष्ठक पर अपनी अंगुली रख दें। तथा सम्बन्धित प्रश्न का उत्तर प्राप्त करें |
१॰ लह्यान (खारिज) |
२ कब्जुल (दाखिल) |
३॰ कब्जुल (खारिज़) |
४॰ जमात (साबित) |
५॰ फरहा (मुंकलिब) |
६॰ उक़ला (मुंकलिब) |
७॰ अंकीस (दाखिल) |
८॰ हुमरा (साबित) |
९॰ बयाज (साबित) |
१० नस्त्रुल (खारिज़) |
११॰ नस्त्रुल (दाखिल) |
१२॰ अतवे (खारिज) |
१३॰ नकी (मुंकलिब) |
१४॰ अवते (दाखिल) |
१५इज्जतमा (साबित) |
१६॰ तरीक (मुंकलिब) |
१॰ लह्यान (खारिज)-जीवनसाथी प्रेम का दिखावा करेगा, वास्तविक प्रेम नहीं।
२॰ कब्जुल (दाखिल)-जीवनसाथी बहुत प्यार करेगा।
३॰ कब्जुल (खारिज़)-जीवनसाथी प्रेम का दिखावा करेगा, वास्तविक प्रेम नहीं।
४॰ जमात (साबित)-परेशानियों एवं दिक्कतों के बाद दाम्पत्य सुख मिलेगा।
५॰ फरहा (मुंकलिब)-दाम्पत्य जीवन उतार-चढ़ावपूर्ण होगा।
६॰ उक़ला (मुंकलिब)-दाम्पत्य जीवन उतार-चढ़ावपूर्ण होगा।
७॰ अंकीस (दाखिल)-जीवनसाथी बहुत प्यार करेगा।
८॰ हुमरा (साबित)-विवाह के काफी समय बाद सुख मिलेगा। स्थायित्व है।
९॰ बयाज (साबित)-विवाह के काफी समय बाद सुख मिलेगा। स्थायित्व है।
१०॰ नस्त्रुल (खारिज़)-जीवनसाथी प्रेम का दिखावा करेगा, वास्तविक प्रेम नहीं।
११॰ नस्त्रुल (दाखिल)-जीवनसाथी बहुत प्यार करेगा।
१२॰ अतवे (खारिज)-जीवनसाथी प्रेम का दिखावा करेगा, वास्तविक प्रेम नहीं।
१३॰ नकी (मुंकलिब)-दाम्पत्य जीवन उतार-चढ़ावपूर्ण होगा।
१४॰ अवते (दाखिल)-जीवनसाथी बहुत प्यार करेगा।
१५॰ इज्जतमा (साबित)-विवाह के काफी समय बाद सुख मिलेगा। स्थायित्व है।
१६॰ तरीक (मुंकलिब)-दाम्पत्य जीवन उतार-चढ़ावपूर्ण होगा।
१॰ लह्यान (खारिज)-विवाह शीघ्र तथा अवश्य होगा एवं दाम्पत्य जीवन सुखमय रहेगा।
२॰ कब्जुल (दाखिल)-विवाह शीघ्र तथा अवश्य होगा एवं दाम्पत्य जीवन सुखमय रहेगा।
३॰ कब्जुल (खारिज़)-विवाह विघ्न एवं परेशानियों के उपरान्त ही संभव होगा।
४॰ जमात (साबित)-विवाह में अभी विलम्ब है।
५॰ फरहा (मुंकलिब)-अनेक विवाह प्रस्तावों के आने के बाद विवाह तय होगा।
६॰ उक़ला (मुंकलिब)-विवाह तय होते ही टूटेगा तथा दूसरा विवाह सफल होगा।
७॰ अंकीस (दाखिल)-विवाह शीघ्र तथा अवश्य होगा एवं दाम्पत्य जीवन सुखमयरहेगा।
८॰ हुमरा (साबित)-विवाह विलम्ब से होने की सम्भावना है।
९॰ बयाज (साबित)-विवाह में अभी विलम्ब है।
१०॰ नस्त्रुल (खारिज़)-विवाह शीघ्र तथा अवश्य होगा एवं दाम्पत्य जीवन सुखमय रहेगा।
११॰ नस्त्रुल (दाखिल)-विवाह शीघ्र होने वाला है।
१२॰ अतवे (खारिज)-विवाह इसी वर्ष होने वाला है।
१३॰ नकी (मुंकलिब)-विवाह होना असंभव है।
१४॰ अवते (दाखिल)-विवाह शीघ्र तथा अवश्य होगा एवं दाम्पत्य जीवन सुखमय रहेगा।
१५॰ इज्जतमा (साबित)-विवाह में अभी विलम्ब है।
१६॰ तरीक (मुंकलिब)-अनेक विवाह प्रस्तावों के आने के बाद विवाह तय होगा।
१॰ लह्यान (खारिज)-गर्भ में लड़का है।
२॰ कब्जुल (दाखिल)-गर्भ में लड़की है।
३॰ कब्जुल (खारिज़)-गर्भ में लड़का है।
४॰ जमात (साबित)-गर्भ में लड़की है।
५॰ फरहा (मुंकलिब)-गर्भ में लड़का है।
६॰ उक़ला (मुंकलिब)-गर्भपात आदि से संतान हानि संभव है।
७॰ अंकीस (दाखिल)-गर्भ में लड़की है।
८॰ हुमरा (साबित)-गर्भ में लड़का है।
९॰ बयाज (साबित)-गर्भ में लड़की है।
१०॰ नस्त्रुल (खारिज़)-गर्भ में लड़का है।
११॰ नस्त्रुल (दाखिल)-गर्भ में लड़की है।
१२॰ अतवे (खारिज)-गर्भ में लड़का है।
१३॰ नकी (मुंकलिब)-गर्भपात आदि से संतान हानि संभव है।
१४॰ अवते (दाखिल)-गर्भ में लड़की है।
१५॰ इज्जतमा (साबित)-गर्भ में लड़का है।
१६॰ तरीक (मुंकलिब)-गर्भ में लड़की है।
१॰ लह्यान (खारिज)-प्रेम कम करता है।
२॰ कब्जुल (दाखिल)-बहुत प्रेम करता है।
३॰ कब्जुल (खारिज़)-प्रेम दिखावा है।
४॰ जमात (साबित)-बहुत समय के बाद प्रेम करेगा।
५॰ फरहा (मुंकलिब)-प्रेम स्थायी नहीं है।
६॰ उक़ला (मुंकलिब)-प्रेम दिखावा है।
७॰ अंकीस (दाखिल)-नहीं करता है।
८॰ हुमरा (साबित)-बहुत समय के बाद प्रेम करेगा।
९॰ बयाज (साबित)-बहुत समय के बाद प्रेम करेगा।
१०॰ नस्त्रुल (खारिज़)-प्रेम कम करता है।
११॰ नस्त्रुल (दाखिल)-बहुत प्रेम करता है।
१२॰ अतवे (खारिज)-प्रेम दिखावा है।
१३॰ नकी (मुंकलिब)-नहीं करता है।
१४॰ अवते (दाखिल)-बहुत प्रेम करता है।
१५॰ इज्जतमा (साबित)-बहुत समय के बाद प्रेम करेगा।
१६॰ तरीक (मुंकलिब)-प्रेम स्थायी नहीं है।
१॰ लह्यान (खारिज)-वापस नहीं मिलेगा।
२॰ कब्जुल (दाखिल)-चोर से भी दूर जा चुका है।
३॰ कब्जुल (खारिज़)-वापस नहीं मिलेगा।
४॰ जमात (साबित)-वापस शीघ्र मिलेगा।
५॰ फरहा (मुंकलिब)-वापस कुछ मात्रा में ही मिलेगा।
६॰ उक़ला (मुंकलिब)-वापस नहीं मिलेगा।
७॰ अंकीस (दाखिल)-वापस कुछ मात्रा में ही मिलेगा।
८॰ हुमरा (साबित)-वापस कुछ मात्रा में ही मिलेगा।
९॰ बयाज (साबित)-वापस शीघ्र मिलेगा।
१०॰ नस्त्रुल (खारिज़)-वापस नहीं मिलेगा।
११॰ नस्त्रुल (दाखिल)-वापस शीघ्र मिलेगा।
१२॰ अतवे (खारिज)-चोर से भी दूर जा चुका है।
१३॰ नकी (मुंकलिब)-वापस कुछ मात्रा में ही मिलेगा।
१४॰ अवते (दाखिल)-वापस शीघ्र मिलेगा।
१५॰ इज्जतमा (साबित)-वापस शीघ्र मिलेगा।
१६॰ तरीक (मुंकलिब)-वापस कुछ मात्रा में ही मिलेगा।
१॰ लह्यान (खारिज)-धोखेबाजी, चोरी एवं अनैतिक व्यक्तियों की सहायता से।
२॰ कब्जुल (दाखिल)-वस्त्र, सौन्दर्यप्रसाधन एवं कृषि आदि से।
३॰ कब्जुल (खारिज़)-धोखेबाजी, चोरी एवं अनैतिक व्यक्तियों की सहायता से।
४॰ जमात (साबित)-पशुपालन तथा चिकित्सा से जुड़े कार्यों से।
५॰ फरहा (मुंकलिब)-कलाकारी, पंसारी, जड़ी-बूटी तथा विनोदपूर्ण कार्यों से।
६॰ उक़ला (मुंकलिब)-ठगी विद्या, धोखेबाजी, चोरी जानवरों के क्रय-विक्रय से।
७॰ अंकीस (दाखिल)-सोना-चाँदी, वकालत एवं वस्तुओं को कूटने-पीसने के कार्य से।
८॰ हुमरा (साबित)-पत्रवाहक के कार्य तथा भिक्षावृत्ति से।
९॰ बयाज (साबित)-पत्रवाहक के कार्य तथा भिक्षावृत्ति से।
१०॰ नस्त्रुल (खारिज़)-धोखेबाजी, चोरी एवं अनैतिक व्यक्तियों की सहायता से।
११॰ नस्त्रुल (दाखिल)-विद्या के द्वारा।
१२॰ अतवे (खारिज)-कृषि कार्य, दलाली, दुकानदारी से।
१३॰ नकी (मुंकलिब)-वस्त्र-विक्रेता, ज्योतिष, क्रय-विक्रय से।
१४॰ अवते (दाखिल)-वस्त्र, सौन्दर्यप्रसाधन एवं कृषि आदि से।
१५॰ इज्जतमा (साबित)-संगीत, गायन, वादन, किसी विद्या के प्रशिक्षण से।
१६॰ तरीक (मुंकलिब)-ड्राइक्लीनर्स, मेवा व्यवसाय एवं गुप्तचरी से।
१॰ लह्यान (खारिज)-विदेश जाने का कोई लाभ नहीं होगा।
२॰ कब्जुल (दाखिल)-विदेश यात्रा से लाभ होगा।
३॰ कब्जुल (खारिज़)-विदेश यात्रा से शारीरिक कष्ट होगा।
४॰ जमात (साबित)-विदेश जाने का कोई लाभ नहीं होगा।
५॰ फरहा (मुंकलिब)-विदेश में मित्र से लाभ होगा।
६॰ उक़ला (मुंकलिब)-विदेश यात्रा से शारीरिक कष्ट होगा।
७॰ अंकीस (दाखिल)-विदेश में मित्र से लाभ होगा।
८॰ हुमरा (साबित)-विदेश यात्रा से शारीरिक कष्ट होगा।
९॰ बयाज (साबित)-विदेश यात्रा से लाभ होगा।
१०॰ नस्त्रुल (खारिज़)-विदेश में मित्र से लाभ होगा।
११॰ नस्त्रुल (दाखिल)-विदेश यात्रा से लाभ होगा।
१२॰ अतवे (खारिज)-विदेश यात्रा से शारीरिक कष्ट होगा।
१३॰ नकी (मुंकलिब)-विदेश में मित्र से लाभ होगा।
१४॰ अवते (दाखिल)-विदेश जाने का कोई लाभ नहीं होगा।
१५॰ इज्जतमा (साबित)-विदेश यात्रा से लाभ होगा।
१६॰ तरीक (मुंकलिब)-विदेश में मित्र से लाभ होगा।
१॰ लह्यान (खारिज)-कैदी बन्धन से मुक्त हो जायेगा।
२॰ कब्जुल (दाखिल)-कैदी मुक्त नहीं होगा।
३॰ कब्जुल (खारिज़)-कैदी बन्धन से मुक्त हो जायेगा।
४॰ जमात (साबित)-काफी समय तक बंधन में कष्ट भोगने के बाद छूटेगा।
५॰ फरहा (मुंकलिब)-कैदी बंधन में अत्यधिक कष्ट भोगेगा तथा अधिक विलम्ब से छूटने की सम्भावना है।
६॰ उक़ला (मुंकलिब)-कैदी बंधन में अत्यधिक कष्ट भोगेगा तथा अधिक विलम्ब से छूटने की सम्भावना है।
७॰ अंकीस (दाखिल)-कैदी मुक्त नहीं होगा।
८॰ हुमरा (साबित)-काफी समय तक बंधन में कष्ट भोगने के बाद छूटेगा।
९॰ बयाज (साबित)-काफी समय तक बंधन में कष्ट भोगने के बाद छूटेगा।
१०॰ नस्त्रुल (खारिज़)-कैदी बन्धन से मुक्त हो जायेगा।
११॰ नस्त्रुल (दाखिल)-कैदी मुक्त नहीं होगा।
१२॰ अतवे (खारिज)-कैदी बन्धन से मुक्त हो जायेगा।
१३॰ नकी (मुंकलिब)-कैदी बंधन में अत्यधिक कष्ट भोगेगा तथा अधिक विलम्बसे छूटने की सम्भावना है।
१४॰ अवते (दाखिल)-कैदी मुक्त नहीं होगा।
१५॰ इज्जतमा (साबित)-काफी समय तक बंधन में कष्ट भोगने के बाद छूटेगा।
१६॰ तरीक (मुंकलिब)-कैदी बंधन में अत्यधिक कष्ट भोगेगा तथा अधिक विलम्ब से छूटने की सम्भावना है।
१॰ लह्यान (खारिज)-नहीं है।
२॰ कब्जुल (दाखिल)-है।
३॰ कब्जुल (खारिज़)-नहीं है।
४॰ जमात (साबित)-मेहनत व्यर्थ जाएगी।
५॰ फरहा (मुंकलिब)-थोड़ा है।
६॰ उक़ला (मुंकलिब)-है।
७॰ अंकीस (दाखिल)-है।
८॰ हुमरा (साबित)-मेहनत व्यर्थ जाएगी।
९॰ बयाज (साबित)-मेहनत व्यर्थ जाएगी।
१०॰ नस्त्रुल (खारिज़)-नहीं है।
११॰ नस्त्रुल (दाखिल)-है।
१२॰ अतवे (खारिज)-नहीं है।
१३॰ नकी (मुंकलिब)-होना चाहिए।
१४॰ अवते (दाखिल)-है।
१५॰ इज्जतमा (साबित)-मेहनत व्यर्थ जाएगी।
१६॰ तरीक (मुंकलिब)-होना चाहिए।
१॰ लह्यान (खारिज)-जीत अवश्य होगी।
२॰ कब्जुल (दाखिल)-जीत अवश्य होगी।
३॰ कब्जुल (खारिज़)-विरोधी पक्ष प्रबल है।
४॰ जमात (साबित)-विरोधी से समझौता करना होगा।
५॰ फरहा (मुंकलिब)-जीत अवश्य होगी।
६॰ उक़ला (मुंकलिब)-विरोधी पक्ष प्रबल है।
७॰ अंकीस (दाखिल)-विरोधी पक्ष प्रबल है।
८॰ हुमरा (साबित)-विरोधी पक्ष प्रबल है। जीत नहीं होगी।
९॰ बयाज (साबित)-जीत अवश्य होगी।
१०॰ नस्त्रुल (खारिज़)-जीत अवश्य होगी।
११॰ नस्त्रुल (दाखिल)-जीत अवश्य होगी।
१२॰ अतवे (खारिज)-विरोधी पक्ष प्रबल है।
१३॰ नकी (मुंकलिब)-विरोधी पक्ष प्रबल है।
१४॰ अवते (दाखिल)-जीत अवश्य होगी।
१५॰ इज्जतमा (साबित)-विरोधी से समझौता होगा।
१६॰ तरीक (मुंकलिब)-जीत अवश्य होगी।